'लोग हैं ना' कविता के बोल हिंदी में। जितेंद्र मीना 'गुरदह' की इस कविता को लोगों ने खूब शेयर किया है, जो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है. इस खूबसूरत मोटिवेशनल कविता को सोशल मीडिया पर खूब शेयर किया जा रहा है.
लोग हैं ना कविता आपके अंदर एक नई ऊर्जा भरने का काम कर सकती है। इसे सुनने या पढ़ने के बाद आपको महसूस होगा कि आप आम लोगों से कुछ अलग कर सकते हैं और अपना मकसद आसानी से पूरा कर सकते हैं।
ऊर्जा से भरी इस कविता का सार यह है कि अगर आप कुछ अलग करना चाहते हैं तो आपको उसी तरह सोचना होगा। Log hai Na Poem in Hindi
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लोग है ना Log Hai Na Poem Lyrics in Hindi |
लोग है ना कविता के बोल हिंदी में
तू अपनी खूबियाँ ढूंढ
खामियाँ निकालने के लिये
लोग है ना !!
अगर रखना है कदम तो आगे रख
पीछे खीचने के लिये
लोग है ना !!
सपना देखना है तो ऊँचा देख
निचा दिखाने के लिये
लोग है ना !!
तू अपने अंदर जूनून की चिंगारी भड़का
जलने के लिए
लोग है ना !!
प्यार करना हैं तो खुद से कर
नफ़रत करने के लिए
लोग हैं ना !!
तू अपनी अलग पहचान बना
भीड़ में चलने के लिये
लोग है ना !!
तू कुछ करके तो दिखा दुनिया को
तालियाँ बजाने के लिये
लोग है ना !!
तू अपना रास्ता ढूंढ
बिना रास्ता चलने के लिये
लोग है ना !!
तू अपनी उम्मीद पर चल
नाउम्मीद के लिये
लोग है ना !!
उड़ान भरनी है तो उँची भर
नीचे रहने के लिये
लोग है ना !!
जीतेन्द्र मीना ' गुरदह '
🎧 कविता क्रेडिट :
♪ लोग है ना कविता हिंदी में
♪ Log Hai Na Poem Lyrics in Hindi
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